संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता
नई दिल्ली
लेखक मंच पर *पूर्व प्रथम महिला IPS किरण बेदी* की पुस्तक 'ट्रांसफॉर्मिंग PRISONS' का लोकार्पण किया गया।
इस कार्यक्रम में सुनील गुप्ता (लीगल एडवाइजर), डॉ. जयदेव सारंगी (पूर्व DIG), और मोनिका धवन (डायरेक्टर, इंडिया विजन फाउंडेशन) भी मौजूद थे।
किरण बेदी ने अपने निर्णयों के बारे में कहा, "मैं हमेशा यह सोचकर निर्णय लेती थी कि कैदियों को इससे कितना फायदा होगा। मैंने तिहाड़ जेल में इंश्योरेंस स्कीम शुरू की, जो पहले नहीं थी। मेरी टीम और मैंने मिलकर कंट्रीब्यूटरी स्कीम बनाई, जिसका नाम 'सारंगी स्कीम' रखा, क्योंकि इसमें डॉ. सारंगी का बड़ा योगदान था। हमने जेल में स्मोकिंग को बंद करने के लिए सर्वे किया, और परिणाम 50-50 आए। इसके बाद हमनें निर्णय लिया कि हम स्मोकिंग बंद करेंगे क्योंकि यह सभी के लिए फायदेमंद रहेगा।"
सुनील गुप्ता ने कहा, "किरण बेदी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि चाहे वे आम आदमी हों या अधिकारी, उनके ऑफिस का दरवाजा सभी के लिए खुला रहता था। वे कभी भी खुद को एक बड़े व्यक्ति के रूप में नहीं दिखाती थीं।"
डॉ. जयदेव सारंगी ने कहा, "तिहाड़ जेल ने पूरी दुनिया में एक नैतिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया है, और यह एक प्रेरणा बनकर सामने आया है।
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