प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 27 मार्च, 2023 को AICPA आफिसर , कर्मचारीयों का एक दिवसीय धरना का ऐलान - पीके सिंह राठौर

नई दिल्ली 
संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 

सत्ता के गलियारे में अपनी आवाज पहुंचाने के हमारे प्रयास में विफल रहने के पश्चात, अंतिम उपाय के रूप में, देश के विभिन्न हिस्सों के कोयला पेंशनरों ने, ऑल इंडिया कोल पेंशनर्स एसोसिएशन (AICPA) और अन्य पेंशनभोगियों और कल्याणकारी संगठनों के बैनर तले, कोयला खान पेंशन योजना (सीएमपीएस-1998) की समीक्षा और कोयला खनिकों के लिए पेंशन में संशोधन के लिए प्रधानमंत्रीजी के संज्ञान में लाने  व उनके हस्तक्षेप हेतु उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 27 मार्च, 2023 को एक दिवसीय धरना देने का निर्णय लिया है ।
 
यह सीएमपीएस-1998 योजना के लाभुकों में कोल इंडिया लिमिटेड, एससीसीएल और कुछ अन्य कोयला कंपनियों के पेंशनभोगी शामिल हैं । कोयला मंत्रालय के अधीन कार्यरत सीएमपीएफओ को पेंशन संचालन का यह कार्य सौंपा गया है l
इस पेंशन योजना  में हर 3 साल के बाद समीक्षा करने का प्रावधान था लेकिन यह नियमित रूप से कभी नहीं किया गया। पिछले 24 साल से समीक्षा और संशोधन नहीं किया गया है और 50,000 से अधिक पेंशनभोगियों को प्रति माह 1000 रुपये से कम मिल रहा है, जो दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है। इस गैर-समीक्षा के कारण निधि का कुप्रबंधन हुआ । 

इस संबंध में कोयला मंत्रालय से संबंधित लोक लेखा समिति रिपोर्ट ने 18 मार्च, 2020 को दोनों सदनों में 'निधि प्रबंधन' पर अपनी बारहवीं रिपोर्ट रखी और समिति ने 21 जुलाई, 2021 को दोनों सदनों में कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की। (संदर्भ http://164.100.47.193/lsscommittee/Public20Accounts/17_Public_Accounts_36.pdf )
रिपोर्ट में मंत्रालय द्वारा की जाने वाली पेंशन योजना में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है ।  हालांकि, सुधारों की धीमी गति अभी तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई है।

इन सभी विफलताओं का परिणाम यह हुआ कि देय पेंशन की राशि स्थिर रही और बढ़ती मुद्रास्फीति और बार-बार होने वाले वेतन संशोधनों का सामना करने में विफल रही। सेवानिवृत्ति की तिथि पर निर्धारित पेंशनराशि आजीवन स्थिर रहती है ।

कोयला पेंशनरों को मजबूर हो कर दिनांक 5 दिसंबर, 2022 को जंतर-मंतर, नई दिल्ली में यह धरना देना पड़ा ताकि उचित निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी ला कर हमारी निम्नलिखित मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके:

(i) कोयला खान पेंशन योजना के पुनर्गठन के लिए लोक लेखा समिति की 12" रिपोर्ट में निहित सुझावों पर त्वरित कार्यान्वयन हो (18 मार्च, 2020 को संसद में प्रस्तुत) ।

(ii) सेवानिवृत्ति की तारीख के बावजूद समान पेंशन सुनिश्चित करने के लिए पेंशन के हिस्से के रूप में महंगाई राहत (डीआर) घटक शामिल हो ।

(iii) सभी सरकारी और निजी कोयला कंपनियों से 20 रुपये प्रति टन के उपकर के अनिवार्य संग्रह का निर्णय होने के बाद इसके लागू होने की प्रक्रिया में तेजी लाएं और इस उपकर को कोयले की कीमत के प्रतिशत के रूप में जोड़ा जाए ताकि पेंशन की भावी वृद्धि में महंगाई राहत का उचित समायोजन हो सके।

(iv) हर 3 साल में पेंशन की समीक्षा और संशोधन करने के लिए सीएमपीएस-1998 में अधिनियमित प्रावधानों का पालन हो ।

(v) सरकारी नीति के अनुरूप पेंशनभोगी को न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो ।

(vi) स्वयं सीएमपीएफओ द्वारा घोषित बैंक स्तर पर विधवा/विधुर पेंशन शुरू हो 

ज्ञात हो कि पूर्व में भी हमने इसी मांग को लेकर दिसंबर 2019, जुलाई 2022 और दिसम्बर 2022  में भी इसी तरह का धरना जंतर-मंतर, नई दिल्ली में दिया था लेकिन आज तक कुछ भी सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है । 

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1 टिप्पणियाँ

  1. AICPA ने वाराणसी में 27 मार्च 23 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन निर्धारित किया है l इसमे अवश्य सम्मिलित होंगे l वाराणसी के किस स्थान पर धरना का कार्यक्रम है, कृपया उल्लेख करे l

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