दिल्ली सरकार के स्कूलों के कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों (VT) ने दिल्ली सचिवालय में IFTUसे संबधित दिल्ली दिल्ली वोकेशनल ट्रेनर्स एसोसिएशन (DVTA) के बैनर तले धरना दिया।

नई दिल्ली
संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 

 दिल्ली सरकार के स्कूलों के कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों (VT) ने दिल्ली सचिवालय में IFTUसे संबधित दिल्ली दिल्ली वोकेशनल ट्रेनर्स एसोसिएशन (DVTA) के बैनर तले धरना दिया।
यह धरना उनकी लंबे समय से लंबित मांगों और 31 मार्च 2024 को अचानक सेवा से बर्खास्त किए जाने के लिए दबाव बनाने के लिए था।
ये VT न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 को लागू करने, नौकरियों के नियमितीकरण और उनकी नौकरियों के लिए एक स्पष्ट नीति की मांग कर रहे हैं। ये शिक्षक NSQF के तहत छात्रों को विभिन्न कौशल सिखाते हैं, लेकिन उन्हें 17000 रुपये प्रति माह की मामूली राशि दी जाती है। जो कि कुशल श्रमिकों के लिए NCT सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। यह विडंबना है कि कौशल सीखने के बाद छात्र उनसे अधिक वेतन के पात्र हैं।

जैसे ही धरना शुरू हुआ और नारेबाजी हुई, उन्हें चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के बहाने दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।  यह आश्चर्यजनक और निंदनीय है कि आचार संहिता के नाम पर सामान्य लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी अंकुश लगाया जा रहा है।

हमारी मांग है कि सभी वीटीएस को नियमित किया जाए।
उनका वेतन नियमित शिक्षकों के बराबर हो।आवाज उठाने के अधिकार को बरकरार रखा जाए।


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