एनडीएमसी ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से नशीली दवाओं के खतरे, साइबर सुरक्षा, फर्जी कॉल के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद
संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 

एनडीएमसी ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से नशीली दवाओं के खतरे, साइबर सुरक्षा, फर्जी कॉल के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। 


नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर आज एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में स्कूली शिक्षकों के लिए नशीली दवाओं के खतरे, साइबर सुरक्षा, फर्जी कॉल के खतरों और स्कूलों में सामान्य सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम “सुरक्षा संकल्प” - 'बेहतर कल की ओर एक कदम' की थीम के तहत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में एनडीएमसी विद्यालयों के 350 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। 
इस अवसर पर, एनडीएमसी के अध्यक्ष - श्री केशव चंद्रा ने स्कूलों में नशीली दवाओं के खतरे, साइबर सुरक्षा और फर्जी कॉल के खतरों को रोकने के लिए छात्रों तक जागरूकता के संदेश फैलाने के लिए शिक्षकों को संवेदनशील बनाने के लिए इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दिल्ली पुलिस को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि अगर शिक्षक विद्यार्थियों के व्यवहार पर बारीकी से नज़र रखें तो हम स्कूली विद्यार्थियों में नशे की लत को लगने से रोक पाएंगे। हमें स्कूलों के आस-पास किसी भी अवांछित गतिविधि के बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए, जो विद्यार्थियों के भविष्य को खराब कर सकती है। 

श्री चंद्रा ने कहा कि साइबर अपराधियों द्वारा दिन-प्रतिदिन नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करके अपना जाल बिछा रहे हैं और हमें इससे बचने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन भुगतान ऐप का उपयोग करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए। 

अपने संबोधन में, दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध), - श्री देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने स्कूल शिक्षकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए एनडीएमसी की सराहना की, क्योंकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग, साइबर सुरक्षा के साथ-साथ फर्जी कॉल जैसे मुद्दे छात्रों से संबंधित हैं और सबसे पहले शिक्षकों को जागरूक करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि वे छात्रों को किसी भी तरह के साइबर जाल और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचा सकें। 

उन्होंने फर्जी कॉल के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह की कॉल छात्रों, अभिभावकों और आम जनता के बीच दहशत और अफवाह फैलाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम इन परिस्थितियों में धैर्य और शांति से काम लें तो हम अपनी सुरक्षा के लिए समाज- विरोधी तत्वों के इरादे से लड़ सकते हैं और इनसे बच भी सकते है। 

दिल्ली पुलिस के विभिन्न विशेषज्ञों, श्री प्रभात सिन्हा, एसीपी (सेवानिवृत्त), श्री संजय भाटिया,  एडिशनल सीपी क्राइम, श्री प्रवीण राठी, इंस्पेक्टर दिल्ली पुलिस और श्री अनिल शर्मा, एसीपी/एएनटीएफ, क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस ने विभिन्न मुद्दों पर अनेक उदाहरणों सहित व्याख्यान दिए। जागरूकता कार्यक्रम के व्याख्यानों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम और छात्रों की सुरक्षा के लिए शिक्षकों के लिए रणनीतियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया, शिक्षकों को ऐसे खतरों की पहचान करने और उन्हें प्रभावी ढंग से संभालने के लिए उपकरणों से लैस करने के लिए आकर्षक प्रस्तुति दी गयी, डिजिटल युग में ऑनलाइन सुरक्षा और छात्रों की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित करना, अपराध की रोकथाम और शिक्षक की जिम्मेदारियों के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि, सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने में शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डालना और शिक्षकों के लिए प्रभावशाली बदलाव लाने के लिए प्रेरक अंतर्दृष्टि पर भी विशेष जोर देकर समझाया गया । 

कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली पुलिस के एडिशनल सीपी (क्राइम ) - श्री संजय सैन ने सुश्री रंजना देशवाल, एनडीएमसी में ओएसडी (शिक्षा) और सुश्री अपूर्वा गुप्ता, डीसीपी, क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित करके किया। 


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