नई दिल्ली नगरपालिका परिषद
संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता
एनडीएमसी ने बिजली बिल में कोई भी बढ़ोतरी नहीं करने की घोषणा की ।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीएमसी के अध्यक्ष श्री केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने घोषणा की कि 31.12.2024 के दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के बिजली खरीद लागत समझौता (पीपीएसी) आदेश के कारण बिजली बिल में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिषद के सदस्य श्री अनिल वाल्मीकि, श्रीमती सरिता तोमर और श्री दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद थे ।
एनडीएमसी ने आश्वासन दिया कि वह एनडीएमसी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा बिजली शुल्क को बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाएगी। एनडीएमसी क्षेत्रों में लगभग 70,000 बिजली कनेक्शन हैं, जिनमें से 60% से अधिक घरेलू हैं।
डीईआरसी ने 2021-22 से टैरिफ ऑर्डर जारी नहीं किया है। गौरतलब है कि डीईआरसी ने सितंबर 2021 में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए टैरिफ ऑर्डर जारी किया था, जिसमें एनडीएमसी के लिए औसत बिजली खरीद लागत 7.26 रुपये प्रति यूनिट थी। टैरिफ ऑर्डर के अभाव में पीपीएसी याचिकाएं त्रैमासिक रूप से प्रस्तुत की जाती हैं, जो बिजली खरीदने की वास्तविक लागत और डीईआरसी द्वारा अपने आदेश के माध्यम से अनिवार्य बिजली की लागत के बीच के अंतर को दर्शाती हैं। पीपीएसी आदेश तदर्थ प्रकृति के होते हैं और डिस्कॉम के खातों की सही जांच के दौरान उनका मिलान किया जाता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि पीपीएसी विद्युत नियामक आयोग द्वारा वितरण कंपनियों द्वारा किए गए बिजली खरीद लागत में बदलाव की भरपाई के लिए दिया जाने वाला एक अधिभार है। लेकिन एनडीएमसी ने डीईआरसी के पीपीएसी आदेशों के बावजूद अपने उपभोक्ताओं के लिए बिजली शुल्क दर में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है।
एनडीएमसी के अध्यक्ष श्री केशव चंद्रा और उपाध्यक्ष श्री कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि 31 दिसंबर 2024 का पीपीएसी आदेश जारी किया गया है, जिससे उपभोक्ताओं में खलबली मच गई है। वर्तमान पीपीएसी आदेश, जो उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत बढ़ाने का प्रस्ताव करता है, एनडीएमसी द्वारा लागू नहीं किया जाएगा । निकट भविष्य में एनडीएमसी क्षेत्र में बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी। परिषद ने आश्वासन दिया कि वह अपने उपभोक्ताओं का ध्यान रखेगी ।
इसके अलावा श्री चहल ने बताया कि 15.07.2017 को आयोजित एक बैठक में सचिव (विद्युत), भारत सरकार ने उल्लेख किया कि माननीय विद्युत मंत्री, भारत सरकार चाहते हैं कि एनडीएमसी 100% नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके एक स्मार्ट शहर बने।
इसके अनूसार दिल्ली सरकार से गैस बिजली को सरेंडर करने का अनुरोध किया गया था। एनडीएमसी के अनुरोध पर, सचिव (विद्युत) दिल्ली सरकार ने इस बिजली को वापस लेने से इनकार कर दिया, इसलिए एनडीएमसी पीपीए की समाप्ति तक यानी पीपीसीएल-I और पीपीसीएल-III, बवाना के लिए क्रमशः मार्च 2029 और मार्च 2039 तक बिजली की खरीद की परवाह किए बिना 175 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के निर्धारित शुल्क को वहन करने के लिए बाध्य है।
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