किन्फाम सिंग नॉन्गकिनरिह : शिलांग पुस्तक मेले में पाठकों की पहली पसंद

संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 
नई दिल्ली 

किन्फाम सिंग नॉन्गकिनरिह : शिलांग पुस्तक मेले में पाठकों की पहली पसंद  
स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी में 13 अक्तूबर तक आयोजित उत्तर—पूर्व भारत के सबसे बड़े पुस्तक मेले शिलांग पुस्तक मेले में सभी भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को खूब सराहा जा रहा है। बच्चे कॉमिक्स, बाल उपन्यास, कविता, कहानियों की पुस्तकें खरीद रहे हैं तो युवा सेल्फ हेल्प, फिक्शन—नॉन फिक्शन, क्लासिक्स हर विधा की पुस्तकें अपने साथ ले जाने के लिए आ रहे हैं। यहाँ खासी भाषा की पुस्तकों की माँग भी बहुत है, जिसमें एक नाम प्रख्यात खासी साहित्यकार किन्फाम सिंग नॉन्गकिनरिह की 'अराउंड द हर्थ' का भी है, जो बच्चों, युवाओं, हर आयु वर्ग के पाठकों के बीच लोकप्रिय पुस्तक रही है।
नेशनल बुक एजेंसी के अनुसार अब तक इसकी लगभग 50 प्रतियाँ बिक चुकी हैं। यह खासी लोककथाओं का संग्रह है और इसे स्थानीय पाठकों में बहुत लोकप्रिय पुस्तक है। नेशनल बुक एजेंसी के सुजीत सिंह के अनुसार, “नॉन्गकिनरिह की 'अराउंड द हर्थ' की बहुत माँग रही है। इसका एक कारण यह है कि मेघालय एक पर्यटन-केंद्रित राज्य है और पाठक इस स्थान और यहाँ की संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं। लोककथाएँ किसी स्थान की संस्कृति और परंपरा का सार होती हैं। साथ ही, वे छोटी और पढ़ने में आसान होती हैं। पिछले कुछ वर्षों में, मैंने इस पुस्तक की लगभग 15 हजार से अधिक प्रतियाँ बेची हैं।”

री खासी बुक एजेंसी के ईएस मजाओ के अनुसार, 'अराउंड द हर्थ' नॉन्गकिनरिह की पुस्तकों में सर्वश्रेष्ठ है और पुस्तक मेले में भी इसकी हमेशा से सबसे ज्याद डिमांड रही है।'' नॉन्गकिनरिह की अन्य पुस्तकों में, 'द डिस्टेस्ट ऑफ द अर्थ : ए जर्नी इनटू द हार्ट ऑफ द सिटी' भी पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस पुस्तक को साहित्य के लिए प्रतिष्ठित जेसीबी पुरस्कार 2024 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
नेशनल बुक एजेंसी के अनुसार, जेनिस पारियाट की 'बोट्स ऑन लैंड' को भी पाठक खूब पसंद कर रहे हैं। खासी भाषा और खासी साहित्यकारों की पुस्तकों की अब तक सबसे अधिक माँग रही है।
खासी ऑथर्स सोसाइटी द्वारा लगाए गए स्टॉल पर पिन्सकेम सिमली के अनुसार, ''शिलांग पुस्तक मेले में खासी भाषा की किताबें बड़ी लोकप्रिय रही हैं।'' कॉलेज स्टूडेंट प्योरलीकेयर लिंगदोह के अनुसार, “मैं यहाँ की ट्राइब्स और भाषाओं के बारे में और जानना चाहती हूं। मैं खासी में और किताबें पढ़ रही हूं क्योंकि मैं चाहती हूं कि मेरी भाषा में सुधार हो।”
किताबों के अलावा, पुस्तक मेले के पांचवें दिन बच्चों और वयस्कों के लिए अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। दिन की शुरुआत सेंग खासी हायर सेकेंडरी स्कूल और मावंगप क्रिश्चियन मल्टीपर्पज हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों द्वारा लोक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई। कठपुतली निर्माण कला सत्र भी काफी रोचक रहा।

शिलांग पुस्तक मेले में राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के स्टॉल पर बच्चों और युवाओं को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है ताकि वे अपने स्क्रीन टाइम का सदुपयोग ई-पुस्तकें पढ़ कर सकें। बुधवार को यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के साथ 'बास्केटरी: एवरीडे आर्ट ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया' पुस्तक पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। सत्र के दौरान डॉ. डेसमंड एल. खारमावफलांग ने इस पुस्तक पर विचार व्यक्त किए। पुस्तक मेले की शाम को संगीतमय प्रदर्शनों ने पाठकों को रोमांचित किया। रियली लिंगस्कोर और उनके समूह ने ड्रम वादन के जरिए शिलांग पुस्तक मेले की शाम को संगीतमय किया। समरसाल्ट ने अपने शानदार प्रदर्शन ने इसे आगे बढ़ाया।

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