किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में प्रधान सचिव पंजाब से मुलाकात कर बासमती और धान की समस्या और शहीद किसानों के संबंध में ठोस नीति बनाए जाने की हुई चर्चा

संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 
नई दिल्ली 

किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में प्रधान सचिव पंजाब से मुलाकात कर बासमती और धान की समस्या और शहीद किसानों के संबंध में ठोस नीति बनाए जाने की हुई चर्चा 
चंडीगढ़ के पंजाब भवन में किसान मजदूर मोर्चा (भारत), संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और काका सिंह कोटड़ा के नेतृत्व में प्रमुख सचिव पंजाब के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठक की। मीडिया से जानकारी साझा करते हुए किसान नेताओ ने कहा कि बैठक में दिल्ली किसान आंदोलन 1 और 2 के शेष शहीदों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी तथा किसान मजदूर संघर्ष दौरान शहीद किसानों के परिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए स्थायी नीति तैयार करने की मांग पर प्रशासन ने पंजाब सरकार से चर्चा करने का आश्वासन देते हुए सकारात्मक परिणाम निकालने और पंचायत चुनावों के बाद घोषणा करने की बात कही गई ।

 प्रशासन द्वारा संभू मोर्चे से लौटते समय घायल किसानों के लिए मुआवजे और अन्य सुविधाओं के के पूरा करने के लिए जल्द आदेश जारी किए जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि भारत माला योजना के तहत बन रही सड़कों का पूरा मुआवजा जमीन मालिक को देने से पहले जमीन पर कब्जा नहीं करने की मांग के संबंध में प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है, लेकिन संगठन प्रभावित किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे और जबरदस्ती अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर जबरन चिप वाले प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगाने की मांग पर प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिये और कहा कि यह सरकार की नीति है जिसे लागू किया जायेगा, जिस पर नेताओं ने मौके पर ही स्पष्ट किया कि जबरदस्ती मीटर नहीं लगाने दिए जाएंगे और अगर किसी भी तरह से बल प्रयोग किया गया तो आने वाले दिनों में दोनों मंचों द्वारा बड़े स्तर पर संघर्ष किया जाएगा।

 उन्होंने कहा कि मंडिया में मजदूरों और व्यापारियों की हड़ताल को जल्द से जल्द हल करने और धान की खरीद फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया गया, यदि किसानो को कठिनाई हुई तो दोनों मंचों से स्थानीय स्तर पर सरकार के खिलाफ तीखी कार्रवाई की जाएगी, बासमती खरीद पर प्रशासन ने कहा कि पंजाब सरकार खरीद में प्रवेश करने जा रही है और बासमती निगम बनाने के प्रस्ताव पर ईमानदारी से विचार किया जाएगा। 

नशे के मुद्दे पर नेताओं ने कहा कि सरकार के पास कोई जवाब नहीं है और सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह विफल रही है । प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि डीएपी को लेकर कोई समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी । प्रशासन ने आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

 पराली जलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रेड एंट्री और पुलिस केस से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है, बल्कि पराली के समाधान के लिए एनजीटी की सिफारिशों के अनुसार किसानों को सुविधाएं दी जानी चाहिए, अन्यथा किसान संगठन किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे। 

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कहा  कि गन्ना उत्पादकों का बकाया भुगतान सरकार शीघ्र करेगी, लेकिन सरकार ने धूरी गन्ना मिल को चलाने में सीधे तौर पर असमर्थता जतायी, लेकिन किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया कि मिल से संबंधित संपत्ति बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी । बैठक में सुरजीत सिंह फूल, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, सतनाम सिंह साहनी, गुरविंदर सिंह भंगू, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, हरप्रीत सिंह सिधवां, रणजीत सिंह कलेर बाला, कंवरदलीप सैदोलेहल, कंधार सिंह भोएवाल, मंगजीत सिंह सिधवां, फतेह सिंह पिद्दी, गुरविंदर सिंह लहरा मौजूद थे ।

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