नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने प्रोजेक्ट सॉर्ट के ज़रिए विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रबंधन को मज़बूत किया।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद 
संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने प्रोजेक्ट सॉर्ट के ज़रिए विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रबंधन को मज़बूत किया।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के अध्यक्ष- श्री केशव चंद्रा के नेतृत्व, मार्गदर्शन और दृष्टिकोण के तहत सतत और विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की प्रतिबद्धता के साथ — पालिका परिषद, इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए ) के साथ मिलकर, अपने पूरे अधिकार क्षेत्र में प्रोजेक्ट सॉर्ट (SORT - रीसाइक्लिंग और ट्रीटमेंट के लिए कचरे को अलग करना) लागू कर रही है। यह प्रोजेक्ट मदरसन ग्रुप की एक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल है, जिसे स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट (SLMTT) का सपोर्ट है, और इसे पालिका परिषद के तहत आवासीय सोसाइटी, शैक्षणिक और इंस्टीट्यूशनल कैंपस, कमर्शियल मार्केट और कम्युनिटी कूड़ा प्रोसेसिंग फैसिलिटी में लागू किया जा रहा है। 

इस प्रोजेक्ट सॉर्ट के तहत, पालिका परिषद ने गीले कचरे की प्रोसेसिंग के लिए विकेंद्रीकृत समाधान बनाने पर फोकस किया है, साथ ही स्रोत स्थल पर ही पृथक्करण प्रक्रिया को भी मज़बूत किया है। यह पहल सतत जागरूकता कार्यक्रम और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सेशन के ज़रिए, कचरा पैदा करने वालों और रहने वालों से लेकर हाउसकीपिंग स्टाफ और कचरा संभालने वालों तक, सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग और व्यवहार में बदलाव पर ज़ोर देती है। 

इस पहल के तहत, पालिका परिषद की खास जगहों पर विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग एरोबिन लगाए गए हैं, जिनमें गोल्फ लिंक, काका नगर, सरदार पटेल विद्यालय, सेंट थॉमस स्कूल, वाईडब्लूसीए, लेडी इरविन कॉलेज, पीएसोआई क्लब, दिल्ली हाट, आईएनए, सांगली मेस और सेंट्रल पार्क शामिल हैं। अब तक, 13 जगहों पर 34,000 किलोग्राम गीले कचरे को संभालने की कुल कैपेसिटी वाले 85 कम्पोस्टर लगाए गए हैं। इन एरोबिन के ज़रिए, 15 मीट्रिक टन से ज़्यादा गीले कचरे को पहले ही ऑन-साइट प्रोसेस करके पोषक तत्वों से भरपूर ऑर्गेनिक खाद में बदला जा चुका है, जिसका इस्तेमाल पालिका परिषद के साथ-साथ लोग बागवानी के लिए भी कर सकते हैं। 

लोगों, इंस्टीट्यूशन और दूसरे स्टेकहोल्डर के सकारात्मक रुख और सक्रिय भागीदारी से उत्साहित होकर, पालिका परिषद, आईपीसीए के साथ मिलकर, इस मॉडल के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में पांच और सोसायटी और इंस्टीट्यूशन को जोड़ने करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, सेंट्रल पार्क और सांगली मेस में मौजूदा कम्युनिटी कम्पोस्टिंग मॉडल स्थान की क्षमता को बढ़ाने का प्रस्ताव है ताकि ज़्यादा मात्रा में अलग किए गए गीले कचरे को मैनेज किया जा सके। 

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद , स्वर्ण लता मदरसन ट्रस्ट (SLMTT), आईपीसीए और लोकल स्टेकहोल्डर की मिलकर की गई कोशिशों से लोगों के व्यवहार में साफ बदलाव आया है, जिसमें स्रोत स्थल पर कचरे को अलग करने में बेहतर कार्यान्वयन, गीले कचरे का ऑन-साइट क्षमतापूर्वक प्रसंस्करण और इन-हाउस स्टाफ और वेस्ट वर्कर द्वारा इनका प्रबंधन किए जाने वाले लगातार ऑपरेशन शामिल हैं। ये कोशिशें सीधे तौर पर कचरे के ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में कमी, लोकल सफाई में सुधार और लोगों में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर रही हैं। 

प्रोजेक्ट सॉर्ट के ज़रिए पालिका परिषद का ऑन-ग्राउंड अनुभव इस बात की पुष्टि करता है कि नागरिक जागरूकता, इंस्टीट्यूशनल स्वामित्व-भाव, और सही आधारभूत ढांचे जैसे कारक लंबे समय तक चलने वाले और सतत कूड़ा प्रबंधन के नतीजे पाने के लिए ज़रूरी स्तम्भ हैं। विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग और सामुदायिकता के नेतृत्व वाले तरीकों को बढ़ाकर, पालिका परिषद लगातार बेंचमार्क सेट कर रही है, यह दिखाते हुए कि कैसे मिलकर काम करने वाले मॉडल किसी विज़न को मापने लायक असर में बदल सकते हैं। 

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