मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर *बाल विकास धारा* ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर ।

संवाददाता - पवन कुमार गुप्ता 
नई दिल्ली 

मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर *बाल विकास धारा* ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर ।

मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर *बाल विकास धारा* की पहल पर *दक्षिण पश्चिम / मध्य दिल्ली* में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस कार्यक्रम में *SDM, तहसीलदार, पुलिस विभाग, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याओं* प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके। [बाल विकास धारा], देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और *दिल्ली और एनसीआर* में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। 
बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। 

*बाल विकास धारा* ने पिछले वर्ष के दौरान *655* बच्चों को बाल श्रम, ट्रैफिकिंग और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने यह रेखांकित किया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। यह एक एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती।

बताते चलें कि जुलाई में बाल विकास धारा ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। चूंकि ट्रैफिकिंग गिरोह अक्सर बच्चों को दूसरे राज्य ले जाने के लिए रेल मार्ग का उपयोग करते हैं, इसलिए इस अभियान का फोकस यात्रियों, रेल कर्मियों, विक्रेताओं, दुकानदारों और कुलियों को बाल तस्करी के संकेतों की पहचान करने और संदिग्ध मामलों की सुरक्षित रूप से रिपोर्ट करने के लिए संवेदनशील बनाना था।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखांकित करते हुए *बाल विकास धारा के संस्थापक अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार बराल* ने कहा, “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।”

*कार्यक्रम का विवरण*

विषय: विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस (30 जुलाई) के अवसर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम
स्थान:
1. उप जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, दक्षिण पश्चिम, कापसहेड़ा
2. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (RPF एवं GRP के सहयोग से)
तिथि: 30 जुलाई 2025
आयोजक: बाल विकास धारा

विवरण:
विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर बाल विकास धारा द्वारा दो प्रमुख स्थलों पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए:
1. SDM कार्यालय, कापसहेड़ा:
स्थानीय समुदाय, युवाओं और सरकारी अधिकारियों की भागीदारी के साथ बाल तस्करी, जबरन मजदूरी एवं बाल विवाह के मुद्दों पर चर्चा की गई। पोस्टर प्रदर्शन, भाषण एवं शपथ ग्रहण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
2. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन:
RPF (रेलवे सुरक्षा बल) एवं GRP (राज्य रेलवे पुलिस) के सहयोग से बाल तस्करी रोकथाम पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। यात्रियों और रेल कर्मचारियों को जागरूक किया गया कि वे संदिग्ध स्थितियों में सतर्क रहें और तुरंत सूचना दें। टीम द्वारा पंपलेट वितरण, नुक्कड़ नाटक और संवाद सत्र भी आयोजित किए गए।

उद्देश्य:
• मानव तस्करी के विरुद्ध लोगों को जागरूक करना
• बच्चों के अधिकारों की रक्षा हेतु जनभागीदारी बढ़ाना
• रेलवे स्टेशनों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और सजगता को प्रोत्साहित करना

विशेष धन्यवाद:
RPF, GRP, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, SDM कार्यालय कापसहेड़ा, तहसीलदार, पुलिस विभाग, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याएं, AVA एवं Just Rights for Children को उनके सक्रिय सहयोग एवं समर्थन हेतु हार्दिक धन्यवाद।

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